एकादशी, हिन्दू पंचांग के अनुसार मासिक नामकरण के दिनों में सर्वोत्तम माना जाता है। इस दिन आदित्य के पुत्र भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा करने से भगवान वास्तव में प्रसन्न होते हैं और चाहे तो उसे सभी चाहिए दिगविजय प्राप्त हो सकता है। इस लेख में, हम आपको 2023 में होने वाली एकादशी की हिंदी में पूर्ण सूची प्रदान करने जा रहे हैं।
जनवरी 2023:
पौष कृष्णी एकादशी:
- दिनांक: 7 जनवरी 2023, शनिवार
- तिथि: पौष कृष्णा एकादशी
- उत्तरायणी एकादशी: 22 जनवरी 2023, रविवार
फरवरी 2023:
माघशुद्ध एकादशी:
- दिनांक: 6 फरवरी 2023, शुक्रवार
- सतिनारायण एकादशी: 22 फरवरी 2023, बुधवार
मार्च 2023:
पंचगौनी एकादशी:
- दिनांक: 8 मार्च 2023, गुरुवार
- पापविमोचिनी एकादशी: 23 मार्च 2023, शुक्रवार
अप्रैल 2023:
मीन कृष्णा एकादशी:
- दिनांक: 7 अप्रैल 2023, बुधवार
- कामदा एकादशी: 22 अप्रैल 2023, शनिवार
मई 2023:
पार्षद एकादशी:
- दिनांक: 7 मई 2023, रविवार
- मोहिनी एकादशी: 21 मई 2023, सोमवार
जून 2023:
आपत्उद्धर कादशी:
- दिनांक: 6 जून 2023, मंगलवार
- योगिनी एकादशी: 20 जून 2023, बुधवार
जुलाई 2023:
कामिक एकादशी:
- दिनांक: 5 जुलाई 2023, गुरुवार
- पावित्रा एकादशी: 19 जुलाई 2023, शुक्रवार
अगस्त 2023:
पुत्रदा एकादशी:
- दिनांक: 3 अगस्त 2023, शनिवार
- अजाकादशी: 18 अगस्त 2023, रविवार
सितंबर 2023:
परिवर्तिनी एकादशी:
- दिनांक: 1 सितंबर 2023, गुरुवार
- आश्विनी एकादशी: 16 सितंबर 2023, सोमवार
अक्टूबर 2023:
पापांकुशा एकादशी:
- दिनांक: 1 अक्टूबर 2023, रविवार
- रामानवमी एकादशी: 15 अक्टूबर 2023, सोमवार
नवंबर 2023:
परमा एकादशी:
- दिनांक: 30 नवंबर 2023, बुधवार
दिसंबर 2023:
पाशंगेयी एकादशी:
- दिनांक: 30 दिसंबर 2023, शनिवार
यह था 2023 में होने वाली एकादशी की हिंदी में पूर्ण सूची। आप इन महत्वपूर्ण दिनों पर विष्णु भगवान की पूजा कर अनेक लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
FAQs (Frequently Asked Questions):
1. एकादशी क्या है?
– एकादशी हिन्दू पंचांग के अनुसार मासिक नामकरण के दिन होने वाला एक महत्वपूर्ण धार्मिक त्योहार है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।
2. एकादशी क्यों मनाई जाती है?
– एकादशी का महत्व है क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा से भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और उनके पाप नष्ट होते हैं।
3. एकादशी की पूजा कैसे की जाती है?
– एकादशी के दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। भगवान के मंत्र जपने, भजन गाने और भगवद गीता के पाठ के माध्यम से भगवान की स्तुति की जाती है।
4. एकादशी व्रत कितनी प्रकार की होती हैं?
– एकादशी व्रत में दो प्रकार के व्रत होते हैं – निर्जला व्रत (बिना पानी के व्रत) और फलाहार व्रत (फल और साइक्लियाः का सेवन कर सकते हैं)।
5. एकादशी के फल्सेफ ने सम्बंधित कोई कहावत है?
– हाँ, “शुक्लायां पुण्य आदित्या” इस प्रसिद्ध कहावत में एकादशी का महत्व दर्शाया गया है जिसका अर्थ है कि एकादशी के दिन पूजने से सभी पाप होते हैं।
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